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Sunday, 26 August 2012

ब्‍लॉग के लिए ज़रूरी चीजें... (Blogs Essential)


मेरे साथ तो अक्‍सर ऐसा होता है। अक्‍सर हम किसी लिंक, किसी सर्च अथवा किसी मेल के द्वारा ऐसे ब्‍लॉग पर पहुँच जाते हैं, जो पहली नजर में ही दिल में उतर जाता है। ऐसे में मन में यह इच्‍छा होती है कि जब भी समय मिले, इसे देखा जा सकता है। लेकिन अगले ही पल यह देखकर घोर निराशा होती है कि उसपर फॉलोअर का विजेट ही नहीं लगा हुआ है। हालाँकि आप यह कह सकते हैं कि आप अपने डैशबोर्ड में जाकर वहाँ से भी उसे फॉलो कर सकते हैं। हाँ, ब्‍लॉग फॉलो करना का एक तरीका यह भी है। लेकिन जो लोग 300 ब्‍लॉगों को फॉलो कर लेते हैं, 'ब्‍लॉग स्‍पॉट' डैशबोर्ड द्वारा उनके नए ब्‍लॉग फॉलो करने की सुविधा पर पाबंदी लगा देता है।

अब आते हैं मूल मुद्दे पर। तो उस ब्‍लॉग पर फॉलोअर विजेट न होने के कारण वह ब्‍लॉग अपना एक पाठक खो देता है (पता नहीं कुल कितने पाठक ऐसे खोते रहते हों)। इसके अलावा नए ब्‍लॉगों को देखने के बाद अक्‍सर उनमें कुछ चीजें खटकती हैं, जिन्‍हें सुधारा जाना जरूरी होता है। आज फिर जब मेरे साथ यह घटना घटी, तो सोचा कि क्‍यों न इसपर एक पोस्‍ट ही बना दी जाए। बस इसीलिए बन गयी यह पोस्‍ट:ब्‍लॉग के लिए ज़रूरी चीजें...

फॉलोअर विजेट:
ब्‍लॉग स्‍पॉट अपने सभी ब्‍लॉग निर्माताओं को यह सुविधा देता है, जिसमें रजिस्‍ट्रेशन कराने के बाद किसी ब्‍लॉग को फॉलो करने वाला व्‍यक्ति अपने डैशबोर्ड में नियमित रूप से उस ब्‍लॉग पर प्रकाशित होने वाली पोस्‍टों की सूचना पाता रहता है। किसी भी ब्‍लॉग पर फॉलोअर विजेट लगाने के लिए सबसे पहले ब्‍लॉग स्‍पॉट के डैशबोर्ड(Dashboard) में जाएँ और उसमें से डिजाइन’ (Design) ऑप्‍शन को चुन लें। खुलने वाले पेज में एक ओर ऐड ऐ गैजेट (Ad a Gadget) का ऑप्‍शन लिखा हुआ मिलेगा। उसे क्लिक कर दें। खुलने वाली नई विंडो में फॉलोअर (Followers) को चुन लें और सेटिंग को सेव कर लें। इस प्रकार आपके ब्‍लॉग में फॉलोअर विजेट जुड़ जाएगा। इसके द्वारा आपकी पोस्‍टें उन लोगों तक नियमित रूप से पहुँच सकेंगीं, जो उन्‍हें पढ़ना चाहेंगे।

फॉलो बाई ईमेल विजेट: 
ऊपर बताए गये 'फॉलोअर विजेट' की सीमा यह है कि इसके द्वारा सिर्फ वही व्‍यक्ति आपका ब्‍लॉग फॉलो कर सकता है, जिसने ब्‍लॉग स्‍पॉट पर अपनी प्रोफाइल बना रखी हो। सामान्‍य व्‍यक्ति भी आपके ब्‍लॉग को फॉलो कर सके, इसके लिए ब्‍लॉग पर 'फॉलो बाई ईमेल विजेट भी अवश्‍य लगाना चाहिए। इस विजेट के द्वारा वह आम आदमी भी ब्‍लॉग को फॉलो कर सकता है, जिसके पास एक अदद ईमेल एकाउंट हो। 


इस विजेट को लगाने का तरीका भी उपरोक्‍तानुसार है। सिर्फ अन्तिम स्‍टेप में आपको  फॉलोअर(Followers) के स्‍थान पर 'फॉलो बाई ईमेल' (Follow by Email) का ऑप्‍शन चुनना होता है। इस विजेट में एक बार जो व्‍यक्ति अपना ईमेल पता भर के उसे वेरीफाई कर देगा, उसको ब्‍लॉग पर प्रकाशित होने वाली प्रत्‍येक पोस्‍ट की सूचना ई मेल के द्वारा मिलती रहेगी।

एग्रीगेटर में रजिस्‍ट्रेशन:
अक्‍सर ऐसे बहुत से ब्‍लॉग दिखाई पड़ते हैं, जो लिखते तो अच्‍छा हैं, लेकिन उनके पाठकों की संख्‍या बहुत कम होती है। इसका कारण यह है कि ब्‍लॉग लेखक (ब्‍लॉगर) को यह पता ही नहीं होता कि अपने ब्‍लॉग के बारे में लोगों को कैसे बताया जाए। जबकि हर भाषा के ब्‍लॉग को प्रमोट करने वाले ऐसे तमाम एग्रीगेटर बने हुए हैं। इसलिए अपना ब्‍लॉग बनाने के बाद यह बेहद जरूरी है कि उनका विभिन्‍न एग्रीगेटरों पर रजिस्‍ट्रेशन भी कराया जाए। इससे ब्‍लॉग की हर पोस्‍ट उस एग्रीगेटर पर दिखती रहेगी और पाठक आपके ब्‍लॉग तक आते रहेंगे। 

हिन्‍दी ब्‍लॉग के लिए कुछ चर्चित एग्रीगेटरों के नाम इस प्रकार हैं:
हमारीवाणीअपनाब्‍लॉगलालित्‍यब्‍लॉग मंडली, एवं इंडली। इनमें से अपना ब्‍लॉग एवं लालित्‍यनई पोस्‍ट प्रकाशित होने पर फीड के द्वारा स्‍वत: ही उसकी सचूना प्रदर्शित कर देते हैं, जबकि हमारीवाणी पर पोस्‍ट प्रकाशित होने के बाद ब्‍लॉग में लगे उसके कोड पर क्लिक करके एक बार उसकी साइट को खोलना पडता है। लेकिन ब्‍लॉग मंडली एवं इंडली पर प्रत्‍येक बार नई पोस्‍ट की सूचना लगानी होती है। इस बारे में अन्‍य जानकारी आप यहाँ पर भी देख सकते हैं।

प्रत्‍येक एग्रीगेटर पर रजिस्‍ट्रेशन का तरीका भिन्‍न-भिन्‍न होता है, जिसे उस साइट पर पढ़ कर जाना जा सकता है। 

प्रोफाइल विजेट:
प्रत्‍येक ब्‍लॉग संचालक अपने ब्‍लॉग पर प्रोफाइल के द्वारा अपना संक्षिप्‍त परिचय एवं फोटो आदि प्रदर्शित कर सकते हैं। इससे नए पाठक को ब्‍लॉग संचालक के बारे में आसानी से जानकारी मिल जाती है। हालाँकि कुछ टेम्‍पलेट में यह विजेट स्‍वत: प्रदर्शित होता है, लेकिन अक्‍सर इसे ब्‍लॉगर को इसे स्‍वत: जोड़ना होता है। प्रोफाइल को जोड़ने के लिए फॉलोअर विजेट वाली विधि ही अपनाएँ और ऐड ऐ गैजेट (Ad a Gadget) को चुनने के बाद नई विंडो मेंफॉलोअर (Followers) के स्‍थान पर प्रोफाइल (Profile) का चयन करके उसकी सेटिंग सहेज लें।

वर्ड वेरीफिकेशन:
ब्‍लॉगर अपने सभी ब्‍लॉग में कमेंट बॉक्‍स में वर्ड वेरीफिकेशन स्‍वत: आन कर देता है। अंग्रेजी के पाठकों को इससे विशेष असुविधा नहीं होती है, लेकिन हिन्‍दी के पाठकों को चूँकि हिन्‍दी लिखने के लिए कई जुगाड़ करने पड़ते हैं, इसलिए कमेंट के बाद आने वाला यह स्‍टेप काफी इरीटेट करता है। इसलिए नए ब्‍लॉगरों को चाहिए कि वे अपने ब्‍लॉग से वर्ड वेरीफिकेशन को ऑफ कर दें।

इस‍के लिए लिए आप सबसे पहले अपने ब्‍लॉग डैशबोर्ड (Dashboard) में जाएँ। वहाँ पर सेटिंग’ (Design)टैब को चुनें। नए पेज में कमेंट्स (Comments) पर क्लिक करें। उसके बाद जो पेज सामने आए उसमें‘Show word verification for comments?’ के सामने दिये विकल्‍प में नो को सेलेक्‍ट करके सेटिंग को सेव कर लें।

लेबल का उपयोग:
ब्‍लॉग स्‍पॉट प्रत्‍येक पोस्‍ट के साथ 200 कैरेक्‍टर में पोस्‍ट के विषय से जुडे हुए 'लेबल' लगाने की भी सुविधा देता है। ये किसी भी भाषा में हो सकते हैं। इसे पोस्‍ट को पहचानने वाले शब्‍दों के रूप में जाना जाता है। यह लेबल सर्च इंजन के द्वारा पाठको को आपकी पोस्‍ट तक लाने में मदद करता है। इसलिए हर पोस्‍ट में विषय के अनुरूप लेबल अवश्‍य डालना चाहिए।

मान लीजिए आप रक्षा बंधन पर कोई पोस्‍ट लिख रहे हैं। तो उसमें त्‍योहार, भारतीय त्‍यौहार, हिन्‍दू त्‍यौहार, भारतीय पर्व आदि लेबल लगाए जा सकते हैं। यदि आप इस त्‍यौहार से सम्‍बंधित किसी खास चीज पर पोस्‍ट लिख रहे हैं, तो उसे भी टैग में डाल सकते हैं। यदि मान लीजिए आप रक्षा बंधन के लिए कोई डिश बनाना बता रहे हैं, तो लेबल में उसका संकेत अवश्‍य करें। साथ ही लेबल को प्रदर्शित करने वाला विजेट ब्‍लॉग में अवश्‍य लगाना चाहिए। क्‍योंकि इक्‍सर पाठक लेबल के सहारे अपने मतलब की जानकारियां खोजने का प्रयत्‍न करते हैं।
कुछ लोग लेबल के विजेट को ड्रैग करके पोस्‍ट के ऊपर लगा देते हैं और उसके द्वारा अपने ब्‍लॉग की सामग्री को वर्गीकृत कर देते हैं। इसके लिए वे कुछ खास लेबल का चुनाव कर लते हैं। जैसे: कविता, कहानी, लेख, समीक्षा, फिल्‍म आदि। इसके लिए जरूरी है कि लेबल के विजेट को सबसे ऊपर लगा दिया जाए और प्रत्‍येक पोस्‍ट में ये लेबल अनिवार्य रूप से डाले जाएं। उसके बाद लेबल की सेटिंग (इसके लिए लॉग इन अवस्‍था में लेबल के विजेट के ऊपर दिखने वाले विशेष चिन्‍ह को क्लिक करें) में जाकर 'कांफीगर लेबल्स' (Configure Labels) में 'शो' (Show) विकल्‍प के अन्‍तर्गत 'ऑल लेबल' (All Labels) के स्‍थान पर 'सेलेक्‍टेड लेबल'(Selected Labels) का चुनाव करें और 'एडिट' ऑप्‍शन में मनचाहे 'लेबल को टिक करके सेटिंग को सहेज दें। इसके बाद 'लेबल विजेट' को ब्‍लॉग को वर्गीकृत करने वाले विजेट के रूप में उपयोग में ला सकते हैं।

ये कुछ साधारण से उपाय हैं, जिनको अपना कर नए ब्‍लॉगर अपने पाठकों तक आसानी से पहुँच बना सकते हैं।

(यदि आपको लगता है कि इसमें किसी और विषय पर जानकारी दी जानी चाहिए, तो कृपया कमेंट के द्वारा सूचित करने का कष्‍ट करें।)

यदि आपने अभी तक अपना ब्‍लॉग नहीं बनाया है और आप उसे बनाने की विधि जानना चाहते हैं, तो उसके लिए कृपया यहां पर क्लिक करें।

72 टिप्‍पणियां:

  1. हमारीवाणी
    par feed apnae aap nahi aatee haen
    blog par lagaa unka code click karna hotaa haen

    uskae alawa agar aap kaa blog aapke dashboard par hi update nahin hotaa haen to hamarivani par bhi nahin hogaa
    प्रत्‍युत्तर दें
  2. ब्‍लॉगर अपने सभी ब्‍लॉग
    ko

    blogspot apne sabhie blog ko karlae
    blogger blogspot par baney blog kae swami ko kehtey haen shayad
    प्रत्‍युत्तर दें
  3. अपने नियमित पाठक को आप ईमेल से सूचित कर सकते हैं
    for this have to go to
    dashboard
    settngs
    email/mobile
    email notifications
    प्रत्‍युत्तर दें
  4. यह तो बहुत काम की पोस्ट लगाई है आपने!
    प्रत्‍युत्तर दें
  5. बहुत काम की पोस्ट
    प्रत्‍युत्तर दें
  6. Please send me your Mob no am nt very good at systems and do not know much about it. So plze send me your Mob no i will trouble you and then u teach me how to add on all these things
    Thanx for comments.
    Love & Wishes
    Sandip Naik
    09425919221,
    Dewas MP
    प्रत्‍युत्तर दें
  7. जाकिर जी ,हमारा ब्लॉग किसी और ने बनाया ,काउंटर साल बादकिसी आर ने विजेट अभी उपेन्द्र भाई ने और बाकी का काम अब आप करेंगे . हमने बारहा कहा है ,हम कंप्यूटर गीक नहीं हैं सिवाय लिख लेने ,छाप ने के हमें कुछ नहीं आता .कोपी पेस्ट करना हमने अपनी इस अमरीका विजिट में वापसी के चंद रोज़ पहले ही सीखा जबकि हम ३मार्च से १८ जुलाई तक वहीँ थे .आपने चिठ्ठा - कारों को जन प्रिय होने के नुश्खे सिखाएं हैं .आभार आपका .हमें तो यह भी नहीं पता था दूसरे का ब्लॉग पढने जाना ज़रूरी होता है हम लिख कर निवृत्त हो जाते थे संतुष्ट भी .क्या बरखा जब कृषि सुखाने .जहां तक अनुगामी बनने का सवाल है ,हम तो पैदायशी अनुगामिन हैं .आदेश लेने के लिए आयें हैं ,देने के लिए नहीं ."आई टेक ऑर्डर्स ".
    शुक्रवार, ५ अगस्त २०११
    Erectile dysfunction? Try losing weight Health
    ...क्‍या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
    Posted by veerubhai on Monday, August 8
    Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/

    Monday, August 8, 2011
    यारों सूरत हमारी पे मत जाओ .
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_8587.html
    प्रत्‍युत्तर दें
  8. बढिया जानकारी .. email notifications के द्वारा दस पाठकों को ही सूचित किया जा सकता है !!
    प्रत्‍युत्तर दें
  9. नए ब्लॉगर के लिए उपयोगी जानकारी।
    ज़ाकिर भाई यह भी सलाह दें कि 'ईमेल से फ़ौलो' करने का विजेट लगाएं।
    प्रत्‍युत्तर दें
  10. बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी मिली! धन्यवाद!
    प्रत्‍युत्तर दें
  11. बढ़िया जानकारी ... हिंदी ब्लॉगर्स कम से कम वर्ड वेरिफिकेशन ज़रूर हटा दिया करें ..
    प्रत्‍युत्तर दें
  12. काफ़ी काम की जानकारी।
    प्रत्‍युत्तर दें
  13. ईमेल से भी आप अपनी पोस्ट ब्लॉग पर छाप सकते हैं
    इसके लिये सैटिंग्स में विकल्प होता हैं
    आप को बार बार डेश बोर्ड पर जाने के जरुरत ही नहीं हैं
    और एक बात ये भी कहनी हैं हेल्प में जा कर आप सब कुछ खुद भी खोजिये और करिये
    उसका अपना मज़ा हैं
    प्रत्‍युत्तर दें
  14. रचना जी, हमारीवाणी सम्‍बंधी बात को ध्‍यान दिलाने का शुक्रिया। उसे अपडेट कर दिया है।
    लेकिन आपके दूसरे कमेंट वाली बात समझ नहीं पाया।
    प्रत्‍युत्तर दें
  15. संदीप जी, मेरा मोबाइल नं0 है 9935923334.
    मैं तकनीक का कोई बहुत बडा जानकारी तो नहीं हूं, लेकिन पिछले 4:5 सालों में जो कुछ सीख पाया हूं, अगर वह आपके काम आ सका, तो खुशी होगी।
    प्रत्‍युत्तर दें
  16. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
    प्रत्‍युत्तर दें
  17. सुज्ञ जी, ईमेल द्वारा फॉलो करने के बारे में ध्‍यान दिलाने का शुक्रिया। वैसे मुझे यह ध्‍यान इसलिए नहीं आया क्‍योंकि मैंने फीडबर्नर के जरिए यह विजेट लगाया था। उस समय बडे पापड बेलने पडे थे। अब तो यह बिलकुल आसान हो गया है।
    प्रत्‍युत्तर दें
  18. रचना जी, ईमेल से पोस्‍ट छापने में वो आनंद कहां, जो डैशबोर्ड में जाकर बार-बार सेटिंग करने में आता है। एक बार इस शब्‍द को हाईलाइट करना, कभी उस शब्‍द को बोल्‍ड करना। इन सबका आनंद ही कुछ और है। :)
    प्रत्‍युत्तर दें
  19. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो
    चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
    प्रत्‍युत्तर दें
  20. bahut kaam ki jankari sir ji aise hi aap bhaiyon ke sahiyog ke liye ham bahut hi shukrguzar hain....
    प्रत्‍युत्तर दें
  21. आज की पोस्ट तो वाकई में बडे काम की है।
    प्रत्‍युत्तर दें
  22. बढ़िया जानकारी.धन्यवाद.
    प्रत्‍युत्तर दें
  23. नए ब्लोगर्स के लिए काम की जानकारी ।
    प्रत्‍युत्तर दें
  24. बहुत काम की जानकारी दी आपने.
    आभार.
    प्रत्‍युत्तर दें
  25. नए ब्लॉगर के लिए उपयोगी जानकारी।
    प्रत्‍युत्तर दें
  26. यह तो बहुत काम की पोस्ट लगाई है आपने! धन्यवाद...
    प्रत्‍युत्तर दें
  27. यह सच है कि कई बार फोलोवर का विकल्‍प नहीं होने से अच्‍छे ब्‍लाग छूट जाते हैं।
    प्रत्‍युत्तर दें
  28. Bhai Zakir ji, ye agrigater mai registration kaise hoga ? or, desh board k oopar mukhprishtha/ meri kavitayen/ gazalen/ etc.jaise link kaise lagaye jate hain ?
    प्रत्‍युत्तर दें
  29. बहुत काम की पोस्ट लगाई है आपने!
    प्रत्‍युत्तर दें
  30. कभी एग्रीगेटरों की सीमाओं और उनकी तिकड़मों पर लिखने का साहस भी जुटाएं।
    प्रत्‍युत्तर दें
  31. मनोज अबोध जी, आपके द्वारा चाही गयी जानकारी पोस्‍ट में बढ़ा दी गयी है। इसके लिए आप कृपया 'एग्रेटर में रजिस्‍ट्रेशन' एवं 'लेबल का उपयोग' शीर्षक सामग्री को पुन: पढ़े, सम्‍भवत: आपकी जिज्ञासा का समाधान हो जाएगा।
    प्रत्‍युत्तर दें
  32. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
    प्रत्‍युत्तर दें
  33. राधारमण जी, एग्रीगेटर की सीमाओं एवं उनकी तिकड़मो पर दो पोस्‍ट यथा 'क्‍या ब्‍लॉगवाणी सचमुच ब्‍लॉग जगत का माहौल खराब कर रहा है?' तथा 'एग्रीगेटर यानी एक आंख से देखने वाला' पहले ही लिख चुका हैं। लोगों का आरोप है कि दो पूर्व महान एग्रीगेटर इन तीखी आलोचनों को बर्दाश्‍त नहीं कर पाए और काल कलवित हो गये। अब किसी तीसरे को भी निपटवाना चाहते हैं क्‍या? :)
    प्रत्‍युत्तर दें
  34. अच्छा लिखा है आपने नये ब्लागर मित्रो के लिये। मुझे तो ललित शर्मा जी मिल गये थे उन्होने ही ब्लाग को मैनेज किया कुछ दिन। पर हर नये व्यक्ति के साथ ऐसा नही होता। ऐसे मे जानकारी बहुत ही काम की है।
    प्रत्‍युत्तर दें
  35. bahut hi shandar rachna..padhkar behad accha laga..hardik badhayee
    प्रत्‍युत्तर दें
  36. नए ब्लॉगर के लिए ज्ञानवर्धक पोस्ट !!!
    प्रत्‍युत्तर दें
  37. सार्थक पोस्ट, नए ब्लागर्स के लिए संजीवनी है।

    आभार
    प्रत्‍युत्तर दें
  38. बहुत अच्‍छी जानकारी दी। धन्‍यवाद। मुझे भी इस बारे में बहुत नहीं आता। अगर अन्‍य उपयोगी सुझाव भी दें तो आभारी रहूंगी। पुन धन्‍यवाद।
    प्रत्‍युत्तर दें
  39. उपयोगी पोस्ट!
    ब्लागर के लेबल में 200 शब्द नहीं, केवल 200 करेक्टर अनुमत हैं।
    प्रत्‍युत्तर दें
  40. Good posts .Thanks .
    जाकिर जी ,हमारा ब्लॉग किसी और ने बनाया ,काउंटर साल बादकिसी आर ने विजेट अभी उपेन्द्र भाई ने और बाकी का काम अब आप करेंगे . हमने बारहा कहा है ,हम कंप्यूटर गीक नहीं हैं सिवाय लिख लेने ,छाप ने के हमें कुछ नहीं आता .कोपी पेस्ट करना हमने अपनी इस अमरीका विजिट में वापसी के चंद रोज़ पहले ही सीखा जबकि हम ३मार्च से १८ जुलाई तक वहीँ थे .आपने चिठ्ठा - कारों को जन प्रिय होने के नुश्खे सिखाएं हैं .आभार आपका .हमें तो यह भी नहीं पता था दूसरे का ब्लॉग पढने जाना ज़रूरी होता है हम लिख कर निवृत्त हो जाते थे संतुष्ट भी .क्या बरखा जब कृषि सुखाने .जहां तक अनुगामी बनने का सवाल है ,हम तो पैदायशी अनुगामिन हैं .आदेश लेने के लिए आयें हैं ,देने के लिए नहीं ."आई टेक ऑर्डर्स ".
    प्रत्‍युत्तर दें
  41. दिनेश जी, इस सूक्ष्‍म अवलोकन के लिए आभार।
    प्रत्‍युत्तर दें
  42. जानकारी बहुत उपयोगी है |आपको मेरे ब्लॉग पर पहली बार देखा |आभार
    आशा
    प्रत्‍युत्तर दें
  43. बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी मिली! धन्यवाद!
    प्रत्‍युत्तर दें
  44. काम की पोस्ट !

    अच्‍छी जानकारी !


    नए ब्लोगर्स के लिए उपयोगी है …

    आभार !
    प्रत्‍युत्तर दें
  45. सुन्दर जानकारीपूर्ण पोस्ट के लिए आभार.
    प्रत्‍युत्तर दें
  46. अनमोल जानकारी उपलब्ध कराने के लिये शुक्रिया.
    प्रत्‍युत्तर दें
  47. bahut hi upyogi jaankari..main aapse poonchne hi wala tha ki mere blog per join this site ka option nahi dikhta hai..kya karun..ab kuch kuch idea laga hai..iske alawa mere regular post bhi mail dwara mere followers ko nahi pahunchte hain...aggrgators se kaise juda jayee is sambandh mein thoda aaur bistrit batane ka kast karein...
    प्रत्‍युत्तर दें
  48. आशुतोष जी, हर एग्रीगेटर में रजिस्‍ट्रेशन का तरीका अलग-अलग होता है। इसके लिए सबसे उचित तरीक यही है कि जिस एग्रीगेटर में रजिस्‍ट्रेशन कराना हो, उसपर जाएं और उसपर दिये गये दिशा निर्देशों को पढकर वैसी कार्यवाई करें।
    प्रत्‍युत्तर दें
  49. काफी उपयोगी जानकारी मिली ... आभार
    प्रत्‍युत्तर दें
  50. एक ही पोस्ट में कई उपयोगी लिंक उपलब्ध करवा दिए हैं आपने. धन्यवाद.
    प्रत्‍युत्तर दें
  51. बेशक बड़ी उपयोगी जानकारियाँ दीं हैं.
    प्रत्‍युत्तर दें
  52. पियुष महेता (सुरत)10/05/2011 1:59 pm
    नमस्कार ।
    मेरी रेडियो विश्व की पोस्ट पर टिपणी करते हुए आपने अपनी इस बहूमूल्य पोस्ट की लिन्क दी थी जिसमें फोन्ट्स के रंग की अलगता पर आज ही मेरा ध्यान आकर्षित हुआ और यहाँ आ पहूंचा । पर एक और मार्गदर्शन जरूर दे कि आपने जिस प्रकार लिन्क दी है और रेडियोवाणी तथा रेडियोनामामें युनूसजी देते आये है नीले रंगमें यहाँ करक्रे उसमें मैं अब तक असफ़ल रहा हूँ । तो इस बारेमें मूझे मार्ग दर्शन जरूर दे । पियुष महेता (सुरत)
    प्रत्‍युत्तर दें
  53. बेनामी10/05/2011 2:00 pm
    नमस्कार ।
    मेरी रेडियो विश्व की पोस्ट पर टिपणी करते हुए आपने अपनी इस बहूमूल्य पोस्ट की लिन्क दी थी जिसमें फोन्ट्स के रंग की अलगता पर आज ही मेरा ध्यान आकर्षित हुआ और यहाँ आ पहूंचा । पर एक और मार्गदर्शन जरूर दे कि आपने जिस प्रकार लिन्क दी है और रेडियोवाणी तथा रेडियोनामामें युनूसजी देते आये है नीले रंगमें यहाँ करक्रे उसमें मैं अब तक असफ़ल रहा हूँ । तो इस बारेमें मूझे मार्ग दर्शन जरूर दे । पियुष महेता (सुरत)
    प्रत्‍युत्तर दें
  54. बढिया जानकारी।

    एक शंका है, ब्‍लाग पर बोल्‍ड अक्षरों में किसी बात को प्रस्‍तुत करने के लिए तो आप्‍शन है, पर कमेंट बाक्‍स में बोल्‍ड अक्षरों में कैसे पोस्‍ट किया जाता है.....????
    प्रत्‍युत्तर दें
  55. अतुल जी उसके लिए छोटा सा कोड प्रयोग में लाया जाता है। कमेंट बॉक्‍स में जो चीज बोल्‍ड में लिखनी हो, उसके पहले की-बोर्ड की लास्‍ट लाइन में (एन एवं एम के बाद) दिये गये दों ब्रैकेट के बीच में अंग्रेजी का स्‍माल बी मिल दें उसके बाद अपना मनचाहा शब्‍द लिखें। उस शब्‍द के बाद फिर से पहले बताए गये ब्रैकेट और बी लिखें, लेकिन इस बार बी के पहले क्‍वैश्‍चन मार्क वाले प्‍वांइट पर दिया आब्लिक का निशान और लगा दें। बस आपका काम हो जाएगा।
    प्रत्‍युत्तर दें
  56. बेनामी5/06/2012 1:35 pm
    इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
    प्रत्‍युत्तर दें
आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।


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